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शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...
यह जिंदगी का मंत्र है सिखाते रहेंगे,
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...
अज्ञान के अंधेरों में लिपटी हुई दुनिया
हम ज्ञान के सूरज को जगममागाते रहेंगे
अंकुर नई उम्मीद के हमने जगाए है,
आंखों में उनके सपनों को सजाते रहेंगे,
शिक्षक है हम समाज को जगाते रहेंगे...
जब स्वार्थ, भ्रष्टाचार और अन्याय पला था
तब बन चुनौती चाणक्य-सा शिक्षक ही लड़ा था,
हम ही नई पीढ़ी के नवनिर्माण के सुबह,
सोए हुए सपनों को हम जगाते रहेंगे,
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...
हमने दिया इतिहास को गौरव का सिलसिला
अब वर्तमान में ऊंचाइयों पर लाकर रहेंगे,
बुझने ना देंगे ज्ञान का अविराम यह दीपक
हम आंधियों के गर्व को हिला के रहेंगे
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...
~Bihari TV~
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