जापान में शिक्षा

जापान की सफलता का मुख्य कारण है, जापान की शिक्षा प्रणाली। प्रत्येक जापानी के कार्यों में उसको बचपन में भी शिक्षा की अच्छाईयो का प्रभाव सामने नजर आता है। आईए जापानी शिक्षा के कुछ मजेदार तथ्यों से आपको रूबरू कराते हैं।


• जापान की साक्षरता 100% यानी वहां सब पढ़ाई करते हैं, और सारे साक्षर है। 

• जापानी शिक्षा प्रणाली को चार भागों में बांटा गया है इसमें 6 साल की प्राथमिक शिक्षा, 3 साल की जूनियर हाई स्कूल शिक्षा, 3 साल की सीनियर हाई स्कूल सीनियर, 4 साल यूनिवर्सिटी की शिक्षा शामिल होती है।

• यहां 6 साल की प्राथमिक शिक्षा एवं 3 साल की जूनियर हाई स्कूल शिक्षा अनिवार्य है।

• प्राथमिक शिक्षा में यानी छोटे बच्चों को घर पर काम करने के लिए होमवर्क नहीं मिलता, लेकिन हाई स्कूल में आने के बाद उन्हें घर पर काम करने के लिए बहुत काम मिलता है।

• जूनियर हाई स्कूल तक विद्यार्थियों को यूनिफार्म पहनना होता है।

• लंच सब साथ बैठकर खाते है। जूनियर हाईस्कूल तक स्टूडेंट को लंच अपनी कक्षा में बैठ कर खाना होता है और उनके शिक्षक भी साथ में बैठकर खाना खाते हैं।

• जापान में शिक्षक बनने के लिए एक परीक्षा पास करनी होती है। जिससे उन्हें शिक्षक बनने का लाइसेंस मिलता है।

• बच्चों को गलतियां या शरारत करने पर क्लास से बाहर नहीं निकाला जाता है। कक्षा से बाहर निकालना वहां की शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ है।

• जापान में स्कूल में विद्यार्थी अपनी कक्षा की सफाई खुद ही करते हैं। और उनके इस काम में उनके शिक्षक बच्चों की सहायता भी करते हैं।

• वहां बच्चों को बचपन से ही स्वयं सफाई करना सिखाया जाता है। ताकि वह सफाई रखना भी सीखें, यहां तक कि वे अपने स्कूल के टॉयलेट्स भी खुद ही साफ करते हैं।

• जापान में छात्र कक्षा नहीं छोड़ते ना ही वे कक्षा के लिए देर से पहुंचते हैं।

• जापान में हाई स्कूल तब बच्चों को फेल नहीं किया जाता। उन्हें आगे की कक्षा में भेज दिया जाता फिर चाहे उनके नंबर कितने भी कम हो। आगे की कक्षा में ऐसे विद्यार्थीयो पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ताकि वह आगे फिर से फेल ना हो।




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